बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
विदेशी विनिमय
(Foreign Exchange)
प्रश्न- विदेशी विनिमय बाजार के कार्यों का विवरण दीजिए।
उत्तर -
(Functions of Foreign Exchange Market)
विदेशी विनिमय बाजार से आशय उन स्थानों से है जहाँ पर विदेशी विनिमय का क्रय-विक्रय किया जाता है। यह एक ऐसा पूर्ण बाजार होता है, जिसमें उच्च गतिशीलता है, वस्तु की एकरूपता है तथा अत्यधिक संवेदनशील क्रेताओं व विक्रेताओं की एक बड़ी संख्या है
बाजार की संरचना - भारत में विदेशी विनिमय बाजार का प्रारूप ब्रिटेन तथा अमेरिका केबाजारों की भाँति ही है। भारत में इसके निम्न तीन अंग हैं-
(1) बैंक ( अधिकृत विक्रेता).
(2) विनिमय दलाल, तथा
(3) भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय विदेशी विनिमय बाजार "विनिमय नियंत्रण नियमन अधिनियम के अधीन कार्य करता है तथा भारतीय विदेशी विनिमय विक्रेता संघ द्वारा बनाये गये नियमों एवं विधियों का पालन करता है। विदेशी विनिमय बाजार के इन तीन अंगों का संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है
(1) बैंक (अधिकृत विक्रेता) - भारत में केवल वे बैंक एवं संस्थाएँ ही विदेशी विनिमय में व्यवहार कर सकती हैं, जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक से इस आशय का अनुज्ञा पत्र मिल गया हो। प्रत्येक अधिकृत बैंक अपनी कुछ निश्चित शाखाओं को ही विदेशी विनिमय व्यवहार के लिए अधिकृत करता है। ये अधिकृत विक्रेता निम्न तीन प्रकार के व्यवहार करते हैं
(i) बैंकों एवं ग्राहकों के मध्य,
(ii) स्थानीय बैंकों के मध्य,
(iii) स्थानीय बैंकों एवं विदेशी बैंकों के मध्य।
बैंकों के मध्य किये जाए वाले सम्पूर्ण व्यवहार दलालों के माध्यम से किये जाते हैं, जबकि ये बैंक अपनी शाखायें प्रतिनिधियों, विदेशी शाखाओं तथा रिजर्व बैंक से सीधा व्यवहार करते हैं। बड़े-बड़े अधिकृत विक्रेता अपना एक पृथक विदेशी विभाग रखते हैं।
अधिकृत विक्रेता रिजर्व बैंक से स्थायी विनिमय दर पर कितनी भी मात्रा में पौण्ड स्टर्लिंग क्रय कर सकते हैं। अन्य सभी मुद्राओं के सन्दर्भ में "आई.एम.एफ." द्वारा निश्चित की गयी सीमाओं के अन्तर्गत बैंक मुद्राओं की दर स्वतन्त्र रूप से निश्चित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त ये अधिकृत विक्रेता लन्दन के बाजार से सभी मुद्राओं को स्वतन्त्र रूप से क्रय कर सकते हैं।
(2) विनिमय दलाल - भारतीय विदेशी विनिमय अधिकृत विक्रेता संघ कुछ निश्चित व्यक्तियों (दलालों) को मान्यता प्रदान करता है। ये दलाल कमीशन के आधार पर विदेशी विनिमय का विक्रय करते हैं। इन दलालों को केवल विक्रय अनुबन्धों पर ही कमीशन मिलता है। निम्नलिखित अनुबन्धों पर इन्हें कोई कमीशन नहीं मिलता है
(i) संग्रह के लिए बिलों के भुगतान से सम्बन्धित अनुबन्ध,
(ii) साख पत्र एवं स्थगित भुगतानों के अधीन भुगतान,
(iii) व्यापारियों के साथ अन्य अनुबन्धों को रद्द करने के अनुबन्ध।
(3) भारतीय रिजर्व बैंक - भारतीय रिजर्व बैंक भी कुछ विदेशी मुद्राओं का अधिकृत व्यवसायियों से क्रय-विक्रय करता है। वह अधिकृत व्यवसायियों के साथ पौण्ड का असीमित मात्रा में क्रय-विक्रय कर सकता है। इसके अतिरिक्त वह डॉलर मार्क तथा येन का भी क्रय-विक्रय करता है।
इस प्रकार विदेशी विनिमय बाजार निम्नलिखित तीन कार्य करता है -
(1) हस्तान्तरण कार्य- विदेशी विनिमय बाजार दो देशों के बीच क्रय शक्ति का हस्तान्तरण करता है। सामान्यता आयातकर्ता अपनी मुद्रा में भुगतान करना चाहता है, जबकि निर्यातकर्ता अपनी मुद्रा में भुगतान प्राप्त करना चाहता है। प्राप्ति और भुगतान का यह हस्तान्तरण कार्य अधिकृत बैंक द्वारा सम्पन्न किया जाता है।
(2) ऋण देने का कार्य - निर्यातकर्ता को पूर्ण भुगतान होने से पहले तथा आयातकर्ता को भुगतान करने की अवधि से लेकर उस माल के विक्रय तक ऋण की आवश्यकता पड़ती है। निर्यात की दशा में अधिकृत बैंक निर्यात बिलों को क्रय करके भुनाकर या व्यवहार करके ऋण प्रदान करते हैं तथा आयात की दशा में ये बैंक आयातकर्ता को साख पत्र जारी करते हैं तथा आयात बिल पर उसे रुपया ऋण के रूप में उपलब्ध कराते हैं।
(3) सुरक्षा प्रदान करने का कार्य - विदेशी विनिमय बाजार विनिमय जोखिम में भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये जोखिमें विनिमय दरों में निरन्तर उच्चावचनों के कारण उत्पन्न होती है। बड़े अनुबन्धों में यह जोखिम भी बड़ी होती है। विदेशी विनिमय बाजार के अधिकृत बैंक ऐसी सम्भावित जोखिम के विरुद्ध अग्रिम क्रय एवं विक्रय अनुबन्धों के माध्यम से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का अर्थ व परिभाषा दीजिए तथा इसके विषय क्षेत्र व विषय-सामग्री का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या अर्थ है? अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या महत्व है?
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- प्रश्न- आन्तरिक व्यापार व विदेशी व्यापार में क्या अन्तर है?
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- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर वणिकवादी विचारधारा का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- एडम स्मिथ के निरपेक्ष लाभ के सिद्धान्त का विश्लेषण कीजिए।
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- प्रश्न- एडम स्मिथ के लागतों के निरपेक्ष लाभ सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्या अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए पृथक सिद्धान्त की आवश्यकता है?
- प्रश्न- एडम स्मिथ के स्वतन्त्र व्यापार सिद्धान्त का प्रतिपादन कीजिए।
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- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तुलनात्मक लाभ के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त की मान्यतायें बताइये।
- प्रश्न- लागतों में अन्तर के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत सिद्धान्त अर्द्ध-विकसित देशों में लागू क्यों नहीं होता?
- प्रश्न- क्या आनुभाविक जाँच से तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की सत्यता स्थापित की गयी है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिल द्वारा प्रतिपादित अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों से क्या आशय है? व्यापार की शर्तों के प्रकार को समझाइये
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों के प्रकार की व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- अर्द्ध-विकसित देशों में व्यापार की शर्तों में सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
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- प्रश्न- संरक्षण के लिए शिशु उद्योग तर्क का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों का महत्व समझाइये ।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर लागत सिद्धान्त की आलोचनात्मक समीक्षा व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- स्थिर अवसर लागत के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- स्थिर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कब लाभप्रद होता है?
- प्रश्न- बढ़ती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- घटती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- अवसर सिद्धान्त किन मायनों में परम्परागत तुलनात्मक लागत सिद्धान्त से श्रेष्ठ है?
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- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के लाभ व दोष समझाइए।
- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के दोष / कमियाँ बताइए।
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- प्रश्न- सीमा संघ के प्रावैगिक प्रभाव कौन-कौन से होते हैं?
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- प्रश्न- ब्रिक्स (BRICS) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारत, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (IBSA) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में सीमा शुल्क संघ बनाने में क्या समस्याएँ हैं?
- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन से क्या आशय है? भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पूँजी खाता परिवर्तनशीलता क्या है? इसको लागू करने की पूर्व शर्तें क्या हैं?
- प्रश्न- "भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलन में रहता है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान संतुलन के समायोजन तन्त्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के क्या परिणाम होते हैं?
- प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के कारणों को समझाइये।
- प्रश्न- मार्शल-लर्नर शर्त (Marshall - Lerner Condition) का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- तुलनात्मक लागत का हैक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के परम्परावादी सिद्धान्त व हेक्सचर ओहलिन सिद्धान्त की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन के सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- तकनीकी अन्तराल सिद्धान्त (Technological Gap Model ) का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को बताइये तथा यह बताइये कि इनकी माप किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की हानियों को बताइये।
- प्रश्न- लियोनतीफ का विरोधाभास क्या है? बताइये।
- प्रश्न- रिब्जन्सकी प्रमेय की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- निर्धनताकारी विकास को समझाइए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का पाल कुग्रमैन सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना तथा उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख उपलब्धियों तथा असफलताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक की कार्यप्रणाली की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक के कार्यों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक की सफलतायें या प्रगति बताइये।
- प्रश्न- विश्व बैंक की असफलतायें बताइये।
- प्रश्न- एशियन विकास बैंक की कार्यप्रणाली समझाइये ।
- प्रश्न- एशियाई विकास बैंक के मुख्य उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- एशियाई विकास बैंक की सदस्यता पूँजी व प्रबन्ध को बताइये।
- प्रश्न- "विश्व बैंक की स्थापना अर्द्धविकसित देशों के लिये वरदान है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत तथा विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'तटकर एवं व्यापार समझौते' (गैट) पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- व्यापार एवं प्रशुल्क पर हुए सामान्य समझौते (GATT) के प्रमुख उद्देश्य कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- गैट के मौलिक सिद्धान्त क्या थे?
- प्रश्न- गैट के प्रमुख कार्य बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है? इसके प्रमुख उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाले सम्भावित लाभों एवं हानियों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाली सम्भावित हानियों को बताइए।
- प्रश्न- अन्य विकासशील देशों के संदर्भ में भारत की स्थिति बताइये।
- प्रश्न- विकासशील देशों के दृष्टिकोण से विश्व व्यापार संगठन समझौते की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारत को अंकटाड से होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था पर भूमण्डलीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को इंगित कीजिए।
- प्रश्न- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से आप क्या समझते हैं? प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सन्दर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए नीतियों का उल्लेख कीजिए?
- प्रश्न- गैट तथा अर्द्ध-विकसित राष्ट्रों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के समझौते बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन का संगठनात्मक ढाँचा प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- बौद्धिक सम्पदा अधिकार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- "विश्व व्यापार संगठन गैट (GATT) की तुलना में कहीं अधिक विस्तृत एवं व्यापक वैधानिक अधिकार वाला संगठन है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित बौद्धिक सम्पदा अधिकार (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित उपाय (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? विश्व व्यापार संगठन ने इस सम्बन्ध में क्या भूमिका निभायी है?
- प्रश्न- 'बहुपक्षीय मुद्दे तथा विश्व व्यापार संगठन' को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अंकटाड के उद्देश्य एवं स्वीकृत सिद्धान्तों को बताइये।
- प्रश्न- अंकटाड के कार्य बताइये।
- प्रश्न- दसवें अंकटाड पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विदेशी व्यापार में विविधता लाने की दृष्टि से अंकटाड की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर-दक्षिण व्यापार संवाद क्या है?
- प्रश्न- दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Coorperation) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से आप क्या समझते हैं? यह एफडीआई से कैसे सम्बद्ध है?
- प्रश्न- विदेशी पूँजी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- अभ्यंश से आप क्या समझते हैं? आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- आयात अभ्यंशों के विभिन्न प्रकार बताइये।
- प्रश्न- आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आयांत अभ्यंश के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अभ्यंश प्रणाली के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- प्रभावी संरक्षण पर टिप्पणी।
- प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से लाभ बताइये।
- प्रश्न- आयाल अभ्यंश एवं प्रशुल्क की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- राशिपातन के स्वभाव एवं उसके विभिन्न रूपों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- विदेशों में कम मूल्य पर बेचने की नीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रशुल्क के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गैर-प्रशुल्क बाधाएँ (Non-tariff Barriers) किसे कहते हैं? इनके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रशुल्क का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध से क्या आशय है?
- प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत सरकार की प्रशुल्क नीतियाँ।
- प्रश्न- "अनुकूलतम प्रशुल्क की धारणा यह बताती है कि प्रशुल्क कितनी मात्रा में लगाये जायें ताकि देश का अधिकतम कल्याण हो।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अनुकूलतम प्रशुल्क तथा कल्याण निहितार्थ पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विदेशी विनिमय बाजार के कार्यों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- विनिमय दर क्या है? विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाने वाले विभिन्न घटकों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय दर को प्रकाशित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विदेशी विनिमय दर को प्रभावित करने वाले उन घटकों का वर्णन कीजिए जो विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाते हैं।
- प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- क्रय शक्ति समता सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- टकसाल दर समता सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विनिमय नियोजन क्या है? भारत में विनिमय नियन्त्रण के क्या उद्देश्य हैं? इस दिशा में भारत सरकार ने हाल के वर्षों में क्या किया है?
- प्रश्न- विनिमय नियंत्रण की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय नियन्त्रण की अप्रत्यक्ष विधियों को समझाइये ।
- प्रश्न- वैश्विक वित्तीय संकट का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय नियंत्रण के उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दरों के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दर के विपक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- अग्रिम विनिमय तथा तैयार सौदों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हेजिंग (Hedging) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अन्तर्पणन क्रियाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?